Best 50+ बचपन की यादें शायरी – Bachpan Ki Yaadein Shayari

बचपन की यादें शायरी इन हिंदी – बचपन की यादें… ये सिर्फ शब्द नहीं हैं, बल्कि हर इंसान के दिल में बसी वो अनमोल धरोहर हैं, जो हमें बार-बार उस बेफिक्र और मासूम दुनिया में ले जाती हैं। इस शायरी कलेक्शन में हमने बचपन के उन्हीं मीठे और खट्टे अनुभवों को पिरोने की कोशिश की है। वो दिन जब छोटी-छोटी बातें हमें खुश कर देती थीं, जब चिंता और तनाव का कोई नामोनिशान नहीं था। इस संग्रह में आपको वो बारिश में नाव चलाना, दोस्तों के साथ खेलना, स्कूल के किस्से और नानी-दादी की कहानियाँ, सब कुछ मिलेगा। यह सिर्फ शायरी नहीं, बल्कि बचपन की एक सुनहरी झलक है, जो आपको अपने गुजरे हुए कल से फिर से जोड़ देगी।

बचपन की यादें शायरी

छोटी-छोटी खुशियाँ और बेफिक्री का दौर,
आज भी सुकून देती हैं, बचपन की वो भोर।

Choti-choti khushiyan aur befikri ka daur,
Aaj bhi sukun deti hai, bachpan ki wo bhor.

बचपन-की-यादें-शायरी
बचपन की यादें शायरी – Bachpan Ki Yaadein Shayari

वो बारिश में कागज की नाव चलाना,
और दोस्तों के संग वो मस्ती का जमाना।

Wo barish mein kagaz ki naav chalana,
Aur doston ke sang wo masti ka zamana.

जब न कोई फ़िक्र थी, न कोई हिसाब,
बस दोस्तों के संग खेलते थे, दिन और रात।

Jab na koi fikr thi, na koi hisab,
Bas doston ke sang khelte the, din aur raat.

गुल्लक में जमा करते थे छोटे-छोटे सिक्के,
सपनों की दुनिया में खो जाते थे, बिना किसी झिजके।

Gullak mein jama karte the chote-chote sikke,
Sapno ki duniya mein kho jate the, bina kisi jhijhke.

वो आम के बगीचे, वो स्कूल का बस्ता,
आज भी याद आता है, बचपन का वो रास्ता।

Wo aam ke bagiche, wo school ka basta,
Aaj bhi yaad aata hai, bachpan ka wo rasta.

छुट्टियों का इंतजार, और नानी के घर जाना,
वो मीठी यादें, अब बस एक बहाना।

Chhuttiyon ka intezar, aur nani ke ghar jana,
Wo meethi yaadein, ab bas ek bahana.

टूटी हुई चप्पल और फटे हुए कपड़े,
उन्हीं में छुपी थी हमारी सबसे बड़ी खुशियाँ।

Tooti hui chappal aur fate hue kapde,
Unhi mein chhupi thi hamari sabse badi khushiyan.

वो बचपन की होली और दीवाली,
आज भी याद आती हैं, वो खुशियों वाली।

Wo bachpan ki holi aur diwali,
Aaj bhi yaad aati hain, wo khushiyon wali.

जब खिलौने ही दुनिया थे, और कोई गम नहीं था,
काश लौट आए वो दिन, जो अब कहीं नहीं है।

Jab khilaune hi duniya the, aur koi gum nahi tha,
Kash laut aaye wo din, jo ab kahin nahi hai.

वो मिट्टी के घर बनाना, और बारिश में नहाना,
जिंदगी की किताब का सबसे खूबसूरत पन्ना।

Wo mitti ke ghar banana, aur barish mein nahana,
Zindagi ki kitab ka sabse khubsurat panna.

छोटी-छोटी बातों पर रूठना और मान जाना,
वो दिन भी क्या थे, जब बेफिक्र थे हम।

Chhoti-chhoti baaton par roothna aur maan jana,
Wo din bhi kya the, jab befikr the hum.

पुराने दोस्तों से मिलकर आज भी मुस्कुराते हैं,
बचपन की यादों को हम दिल से लगाते हैं।

Purane doston se milkar aaj bhi muskurate hain,
Bachpan ki yaadon ko hum dil se lagate hain.

जब डर नहीं था हारने का, और जीतने का घमंड नहीं,
बस खेलने की धुन थी, और कोई मलाल नहीं।

Jab dar nahi tha harne ka, aur jeetne ka ghamand nahi,
Bas khelne ki dhun thi, aur koi malal nahi.

वो स्कूल की प्रेयर और क्लास के किस्से,
आज भी याद आते हैं, वो बीते हुए हिस्से।

Wo school ki prayer aur class ke kisse,
Aaj bhi yaad aate hain, wo beete hue hisse.

पुराने गानों की धुन और वो पुरानी यादें,
अब बस ख्वाब हैं, वो बचपन के वादे।

Purane gano ki dhun aur wo purani yaadein,
Ab bas khwab hain, wo bachpan ke wade.

जब मोबाइल नहीं थे, और दोस्त ही दुनिया,
वो दिन बहुत प्यारे थे, अब बस एक कहानी।

Jab mobile nahi the, aur dost hi duniya,
Wo din bahut pyare the, ab bas ek kahani.

वो दादी की कहानियाँ और दादा का प्यार,
सबसे बड़ी दौलत थी, वो बचपन का संसार।

Wo dadi ki kahaniyan aur dada ka pyar,
Sabse badi daulat thi, wo bachpan ka sansar.

जब कोई बात दिल पर नहीं लगती थी,
वो मासूमियत आज भी याद आती है।

Jab koi baat dil par nahi lagti thi,
Wo masoomiyat aaj bhi yaad aati hai.

वो स्कूल की छुट्टी का इंतजार,
आज भी है उस दिन का खुमार।

Wo school ki chhutti ka intezar,
Aaj bhi hai us din ka khumar.

बचपन की वो गलियाँ और वो घर,
आज भी याद आते हैं, बस थोड़ी नमी के साथ।

Bachpan ki wo galiyan aur wo ghar,
Aaj bhi yaad aate hain, bas thodi nami ke saath.

वो पहली साइकिल और वो पहला दोस्त,
आज भी याद है, वो अनमोल लम्हे।

Wo pehli cycle aur wo pehla dost,
Aaj bhi yaad hai, wo anmol lamhe.

जब दिल साफ था, और चेहरे पर मुस्कान,
आज भी याद है, वो बचपन का इनाम।

Jab dil saaf tha, aur chehre par muskan,
Aaj bhi yaad hai, wo bachpan ka inaam.

Final Words on Bachpan Ki Yaadein Shayari

बचपन की यादें हमें यह सिखाती हैं कि जिंदगी में असली खुशी बड़ी चीज़ों में नहीं, बल्कि उन छोटे-छोटे पलों में होती है, जिन्हें हम बेपरवाह होकर जीते हैं। यह शायरी संग्रह उन्हीं पलों को एक बार फिर से जीने का मौका देता है। तो चलिए, आज फिर से उन दिनों को याद करते हैं, जब दिल साफ था और चेहरे पर मुस्कान थी। इस संग्रह को पढ़कर आपको महसूस होगा कि बचपन की यादें सिर्फ अतीत नहीं, बल्कि हमारे वर्तमान का एक खूबसूरत हिस्सा हैं, जो हमें हमेशा मुस्कुराने की वजह देती हैं।

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