बदमाश शायरी हरियाणवी 2 Line – यह शायरी का कलेक्शन उन लोगों के लिए है, जो दिल के तो साफ हैं, पर उनका अंदाज़ थोड़ा ‘बदमाश’ है। इन शायरियों में हरियाणवी बोली का टशन, दोस्ती की गहराई और दुश्मनों को करारा जवाब देने का दम शामिल है। यहाँ हर शायरी में आपको हरियाणवी छोरे का स्वाभिमान और बेबाक अंदाज़ देखने को मिलेगा। यह शायरियाँ केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि यह उस आत्मविश्वास और दिलेरी का प्रतीक हैं जो हरियाणा की मिट्टी में बसता है।
रै बात करैं औकात की,
म्हारी औकात तो थारे बाप नै भी ना बेरी।
Re baat karein aukat ki,
Mhari aukat to thare baap ne bhi na beri.

यारी ला राख्यो स जिकर म्हारा,
अरै दुशमन भी बोले, छोरा है ठाडा।
Yaari la rakhi s jikar mhara,
Are dushman bhi bole, chhora hai thada.
दिल साफ़ स, बस अंदाज़ थोड़ा बदमाश स,
डर ना तू, यार तेरा भी दिलदार खास स।
Dil saaf s, bas andaaz thoda badmash s,
Dar na tu, yaar tera bhi dildaar khas s.
नाम सुनकै ही कइयों की हवा टाइट हो जा,
म्हारा तो अंदाज ए कुछ ऐसा स।
Naam sunke hi kaiyon ki hawa tight ho ja,
Mhara to andaaz e kuch aisa s.
दुनिया झुकैगी म्हारे आगै, रै,
क्यूंकि हमने ज़िद और जमीर दोनों पाल रखे स।
Duniya jhukegi mhare aage, re,
Kyunki hamne zid aur zameer dono paal rakhe s.
गलत फेमी मैं ना रहियो,
के शेर भी थारी बस्ती में आवेंगे।
Galat femi mein na rahiyo,
Ke sher bhi thari basti mein aavenge.
जो म्हारी बात नै मजाक समझे,
वो तो बस हमारा जलवा ही देखे।
Jo mhari baat ne majak samjhe,
Wo to bas hamara jalwa hi dekhe.
शेर तो शेर ही स, चाहे जंगल छोड दे,
पर भौंकणिये तो भौंकते ही रहेंगे।
Sher to sher hi s, chahe jungle chhod de,
Par bhonkaniye to bhonkate hi rahenge.
औकात की बात ना कर, रै,
जितने तू कमाए, उतने हम छोड़ दिए।
Aukat ki baat na kar, re,
Jitne tu kamaye, utne hum chhod diye.
यारी की कदर करियो, दुशमनी की नहीं,
क्यूंकि जब हम दुशमन बणा ले, तो खेल खतम।
Yaari ki kadar kariyo, dushmani ki nahi,
Kyunki jab hum dushman bana le, to khel khatam.
मत समझियो, के म्हारा कोई तोड़ नहीं,
जब हम आ जा तो, थारे कान पकड़ ले।
Mat samjhiyo, ke mhara koi tod nahi,
Jab hum aa ja to, thare kaan pakad le.
हम तो उसूलों के पक्के स,
जो यारी निभाए, वो दुश्मन भी मानैं।
Hum to usoolon ke pakke s,
Jo yaari nibhae, wo dushman bhi manein.
बदमाश नाम तो बस शोख स,
पर अकड़ तो हर कदम पै होवै।
Badmash naam to bas shokh s,
Par akad to har kadam pai hove.
औकात की बात ना करैं,
म्हारा जलवा तो आसमान पै स।
Aukat ki baat na karein,
Mhara jalwa to aasmaan pai s.
जो म्हारे ते जलते स,
वो तो बस हमनै और मशहूर करैं।
Jo mhare te jalte s,
Wo to bas hamne aur mashoor karein.
म्हारे तै दुश्मनी म्हंगी पड़ैगी,
बाकी यारी तो हम मुफ़्त में करैं।
Mhare tai dushmani mhangi padegi,
Baki yaari to hum muft mein karein.
हरयाणा की शान अलग स,
अरै छोरे भी तो देसी ठाट स।
Haryana ki shaan alag s,
Are chhore bhi to desi thaat s.
अंदाज़ ए अलग स म्हारा,
बाकी हर कोई म्हारा जैसा नहीं।
Andaaz e alag s mhara,
Baki har koi mhara jaisa nahi.
दिल मैं कोई खोट नहीं,
पर दिमाग खराब हो जाए तो कसर भी ना छोड़ै।
Dil mein koi khot nahi,
Par dimag kharab ho jae to kasar bhi na chhodai.
जीणा सीख लियो, मरना सिखावांगे,
बाकी जो बात ना मानैं, वो पिट जावेगा।
Jeena seekh liyo, marna sikhawange,
Baki jo baat na manae, wo pit jawega.
Final Words on बदमाश शायरी हरियाणवी 2 Line
यह शायरी का सफर हमें यह बताता है कि असली ‘बदमाशी’ सिर्फ दिखावे में नहीं, बल्कि सच्चे यार होने और अपनी ज़ुबान के पक्के होने में है। इन शायरियों के माध्यम से हमने हरियाणवी के उस रंग को दिखाया है, जहाँ दोस्ती के लिए जान दी जाती है और दुश्मनी भी पूरे दम से निभाई जाती है। उम्मीद है कि ये शायरियाँ आपको हरियाणवी अंदाज़ का जोश और टशन महसूस कराएंगी।
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